Monday, January 24, 2022

पंजाब में भाजपा-65 अमरिंदर सिंह-37 शिरोमणि अकाली दल - 15 सीटों पर मिलकर लड़ेंगे चुनाव

पंजाब इलेक्शन: भाजपा-65 अमरिंदर सिंह की पार्टी PLC- 37 ओर शिरोमणि अकाली दल-15 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
पंजाब में भाजपा, पंजाब लोक कांग्रेस और संयुक्त अकाली दल-ढिंसा, मिलकर पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में एनडीए गठबंधन पूरी ताक़त से पंजाब के सम्मान, सुरक्षा और विकास की लड़ाई लड़ेगा और हमें विश्वास है, इसमें हमको जनता का पूर्ण समर्थन मिलेगा।

दिलशाद की हत्या का नहीं कोई पछतावा , घुट घुट कर जीने से अच्छा लगा मुझे उसका वध करना - भगवद निषाद

 शुक्रवार दोपहर दुष्कर्म के अभियुक्त का वध करने के वाले दुष्कर्म पीड़िता के पिता भागवत ने पुलिस को यह बयान दिया है और कहा है कि "मुझे दिलशाद की हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है। घुट-घुटकर जीने से अच्छा है जेल में रहना। फांसी चढ़ जाना।" 


भागवत जी ने बतलाया कि समाज के ताने और दिलशाद की हरकतों से परेशान होकर उन्होंने यह कदम उठाया, पुलिस ने भागवत जी का बयान दर्ज किया है। बयान के अनुसार, भागवत निषाद ने कहा:__"समाज के ताने सुन-सुनकर वह इतना परेशान हो गये थे कि आत्महत्या करने की सोचने लगे थे। भागवत जी ने आगे बताया कि बीच जमानत पर छूटे दिलशाद की हरकतों ने मेरी परेशानी को गुस्से में बदल दिया। खुदकुशी करने से परिवार का भविष्य खराब होने के डर से इरादा बदल दिया। सोचा क्यों न परेशानी की वजह को ही जड़ से खत्म कर दिया जाए और इसलिए उन्होंने दिलशाद का वध कर दिया।"


भागवत जी ने बताया कि एक समय था कि घर में कोई काम पड़ने पर दिलशाद मदद करता था, लेकिन समय के साथ उसके तौर तरीके बिगड़ते गए। दिलशाद उसके घर के सामने ही पंचर की दुकान लगाता था। उसे समझाया और डांटा भी। इसके बाद वह दुकान बंद कर "गोला" जाकर काम करने लगा था। लेकिन, उसकी हरकतों में सुधार नहीं आया। एक दिन बेटी कॉलेज से घर आ रही थी, तभी उसे जबरन लेकर हैदराबाद चला गया। पुलिस ने छह दिन बाद केस दर्ज किया था। लड़की को हैदराबाद से बरामद किया। दिलशाद जेल गया। मैं दो साल पहले ही सेना से सेवानिवृत्त हुआ था। 


जब भी कहीं जाता था, बेटी के बारे में लोग कानाफूसी करते थे। इस कारण घर से बाहर भी नहीं निकलता था। किसी तरह परिवार वालों ने संभाला। जब तक दिलशाद जेल में था, तब तक तो ठीक था। जेल से बाहर आते ही वह मुझे और बेटी को परेशान करने लगा। कभी घर के बाहर आकर जोर-जोर से चिल्लाता तो कभी कुछ और हरकत करता था। इससे मुझे गुस्सा आता था, लेकिन लड़की की गलती भी लगती थी। इसी बीच खुदकुशी का ख्याल मन में आया, लेकिन फिर सोचा कि मेरे बाद परिवार का क्या होगा ? 


दिलशाद सबका जीना मुश्किल कर देगा। इसके बाद कांटे को ही रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। मैने बेटी के अपमान व प्रताड़ना का बदला ले लिया है। अब बेटी या परिवार को कोई परेशान नहीं करेगा...

Sunday, January 23, 2022

जानिए मुख्यमंत्री योगी आदियानाथ के बारे में दिलचस्प बातें हमारे पहले ब्लॉग में

 योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट जन्म 5 जून 1972)  के प्रसिद्ध गोरखनाथ मठ के महन्त तथा हैं एवं वर्तमान यूपी के मुख्यमंत्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्य्मंत्री पद की शपथ ली। वे 1998 से 2017 तक भाजपा के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ के पूर्व महंत अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी है।


5 जून 1972 को उत्तराखंड  पौड़ी गढ़वाल जिला स्थित यमकेश्वर के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे,तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट की मृत्यु हो गई। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।

इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1992 में श्रीनगर के  हेमवती नंदन गढ़वाल विश्विद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की।  1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए एवं गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली। 1994 में ये पूर्ण सन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।



12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।

राजनैतिक जीवन

सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी।वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।

अप्रैल 2002 में इन्होंने हिंदू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।


भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध

आदित्यनाथ के भाजपा के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।

लोकसभा चुनावो में प्रदर्शन


योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए। इन्होंने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।

7 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे। यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया। आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया।उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।

यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए। उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।

योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे। 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिला में किया गया था।

पंजाब में भाजपा-65 अमरिंदर सिंह-37 शिरोमणि अकाली दल - 15 सीटों पर मिलकर लड़ेंगे चुनाव

पंजाब इलेक्शन: भाजपा-65 अमरिंदर सिंह की पार्टी PLC- 37 ओर शिरोमणि अकाली दल-15 सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेंगे। पंजाब में भाजपा, पंजाब लोक कांग्...